इसी कार्यक्रम में संगीत, नृत्य एवं कला को प्रोत्साहित कर हज़ारों लोगों को मंच प्रदान कर समाज में सांस्कृतिक सद्भाव बढाने के लिए जी. आई. पी. माल को प्रतिष्ठित ‘ मुकेश निचानी म्यूजिक प्रमोशन अवार्ड’ से सम्मानित किया गया. इस पुरस्कार को एसोसिएट डायरेक्टर श्री शमीम अनवर साहब ने ग्रहण किया.
शुक्रिया मुकेश-2016 का प्रारंभ नोएडा के गणमान्य लोगों ने दीप प्रज्वलित कर के किया. नवरत्न के अध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव ने सभी मेहमानों का स्वागत किया और शुक्रिया मुकेश की 10वें प्रस्तुती पर शुभकामनाएं एवं बधाई प्रेषित करते हुए नवरत्न की सामाजिक कार्यों पर प्रकाश डाला तथा इस कार्यक्रम से माध्यम से उभरते कलाकारों को मंच प्रदान करने की सार्थकता को उजागर किया. आज इस मंच से अनेको कलाकार अपने नाम संगीत के क्षेत्र में नाम कमा रहें हैं.
पंकज माथुर की जब ‘जोशो जवानी हाय रे हाय’ गीत के शुरुआत से लेकर कपिल तिवारी के अंतिम गीत ‘ जिंदगी ख्वाब है ‘ तक लोग कलाकारों द्वारा गाये गीत गुनगुनाते रहे. लिटिल चैम्प दिवाकर शर्मा, क्लब के अध्यक्ष आर. के.खोसला, संजय पांडे, सुमिता सक्सेना, टुहिना चटर्जी, आशुतोष जैन, अशोक टंडन, जसविंदर परमार, विनय सेठिया, सौरभ गंगल, श्रुति उपाध्याय, सुनीता आहूजा,हरीशमाथुरजी, उमाजी, एवं रमेश जी की गायकी बे सबको बाँध के रखा. हर एक गाना गीतों की माला में स्वरों के मोती के तरह बंधा हुआ दिखाई पड़ा. खासकर जब मनोज शर्मा ने तुम “बिन जीवन किस बीता पूछो ने मेरे दिल से” गीत गाया तो सबको लगा की मुकेश जी स्वयं गाने आ गयें हैं. और लोगों ने खड़े होकर करतल ध्वनी से अभिवादन किया मनोज जी का. विशेष रूप से आमंत्रित इलाहबाद से आये प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. एस. पी मिश्र की गायकी की भी बहूत तारीफ हुई. नोट्स एंड बीट्स बैंड द्वारा प्रदत म्यूजिक बैकअप को भी अत्यंत सराहना मिली.
देर रात तक चले कार्यक्रम का आनंद क्लब-26 में लोगों ने तो लिया साथ में वेबकास्ट सीधे प्रसारण के माध्यम से इसको पुरे विश्व में प्रसारित भी किया और इसका आनंद अपने देश एवं कई देशों के दर्शकों ने सीधे देख कर लिया. जिसका सयोंजन किया विनीत खरे ने किया था.
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कार्यक्रम श्रीमती अनीता भाल्वर के बेहतरीन मंच सञ्चालन में बिना अधुरा माना जाएगा. अनीता जी संचालन पूर्ण रूप से साहित्यिक विविधता से भरा रहा और मनमोहक रहा साथ में सहयोग अशोक श्रीवास्तव भी ने किया.
शुक्रिया मुकेश के कोरडीनटरस संजय पांडे एवं कपिल तिवारी के बेहतरीन सयोजन के लिए श्री मनीष सिसोदिया जे सम्मानित किया इसके साथ दिल्ली के आस पास संगीत के बेहतरीन कार्यक्रमों को आयोजित करने के लिए उनेक प्रोत्साहन के लिए श्री एस. बी शर्मा अध्यक्ष एवं श्री नरूला जी कोषाध्यक्ष देवानंद फेन फोरम, श्री शिव चतुर्वेदी,अध्यक्ष,मुकेश मंच, श्री सोमेश्वर शर्मा, अध्यक्ष स्पर्श, विनीत चौधरी, अध्यक्ष, है उम्मीद को भी सम्मानित किया गया.
सभी कलाकरों को उनकी सराहनीय प्रस्तुति के लिए स्मृति चिन्ह एवं उपहार से सम्मानित किया गया.
कार्य्रकम में सरदार मंजीत सिंह बुटालिया, अनुरंजन श्रीवास्तव, अनूप सिन्हा, चितरंजन सक्सेंना, विवेक श्रीवास्तव, मुरारी प्रसाद श्रीवास्तव, मुरलीधरन, डॉ. पी. सी भरद्वाज, अनिल पाठक, संजय पेशावरी, श्रीमती मंजू सूद, आर.एल. लवानिया, अनिल मिश्र, गीता मिश्र, कृषण मोहन, जोरावर सिंह, विनीत चौधरी, प्रकाश गुप्ता, कार्निक शाह, प्रदीप शर्मा, पूर्व आई जी एम्.आई खान, वाजिद अली शाह डी.आई. जी. बी.एस.ऍफ़.,पटना से श्री सुशील वर्मा, अरबिंद सिन्हा, सुजीत वर्मा सपरिवार, लखनऊ से अधिवक्ता मनोज लाल. इंदौर से श्रीमती एवं श्री राजेश निगम, साहिबाबाद से उमेश सक्सेना, सुनील सक्सेना, हेमंत सक्सेना, निर्भय श्रीवास्तव. दिल्ली से एस. के निगम, आनंद सक्सेना, श्रीमती रीता माथुर, पुनीत सक्सेना, संजीव रस्तोगी, रेनू सोनी, आचार्य सुशील शर्मा, गुरुग्राम से श्रीमती एवं श्री सौरभ अस्थाना, कार्तिक नारायण तथा नोएडा से सुनीलमादरा,संजीव मादरा, आई.एस. वर्मा, तरुण माथुर,राजन खुराना, लायन अनुराग गोयल, लायन उमेश कुमार, अनिल कौशिक,अहमद खान, श्रीमती एवं श्री मिर्ज़ा मोबिन बेग, हरीश भाल्वर, अचिंत कुमार, सरदार एम्.एस.धामी, डी.बी साहनी, प्रसिद्ध गायक रमेश नौटियाल, प्रसिद्ध नृत्यांगना डॉ. कल्पना भूषण, एवं नृत्य गुरु श्रीमती शिवानी अरोडा, आवाज़ के जादूगर एवं प्रसिद्ध उद्घोषक श्री करुणेश शर्मा , श्रीमती सीता राना शर्मा इत्यदि की उपस्तिथि उल्लेखनीय रही.
गीतों की श्रंखला
जोशो जवानी हाय रे हाय पंकज माथुर
चाँद सी महबूबा हो मेरी ऐसा मैने सोचा था : सौरभ गंगल
इब्तदाये इश्क में सारी रात जागे : तुहिना चटर्जी एवं कपिल तिवारी
धीरे धीरे बोल कोई सुन न ले : सुमिता सक्सेना एवं संजय पांडे
दोस्त दोस्त न रहा प्यार प्यार न रहा: अशोक टंडन
वक्त करता जो वफ़ा आप हमारे होते: डॉ एस.पी मिश्रा
तुम बिन जीवन कैसे बीता पूछो न मेरे दिल से : मनोज शर्मा
दिल की नज़र से : सुमिता सक्सेना एवं विनय सेठिया जी.
वो चाँद खिला : श्रीमती उमा जी एवं रमेश जी
मेरी तम्मनाओ की तकदीर हो : श्री एच. सी माथुर
तेरी निगाहों पर मर मर गये हम: श्री आशुतोष जैन
हम तो जाते अपने गावँ : जसविंदर परमार
तुमने किसी से कभी प्यार किया है: तुहिना चटर्जी एवं श्री आर.के. खोसला
बाली उमरिया भजन करूँ कैसे: श्रीमती सुनीता आहूजा एवं जसविंदर परमार
फूल तुम्हे भेजा है खत में: श्रीमती श्रुति उपाध्याय एवं सौरभ गंगल
ये मेरा दीवानपन है : श्री विनय सेठिया
मेरा प्यार भी तू है : सुमिता सक्सेना एवं डी.डी. चौधरी
तेरे होंठो के दो फूल प्यारे प्यारे : श्रीमती उमा एवं कपिल तिवारी.
महबूब मेरे महबूब मेरे: श्रीमती तुहिना चटर्जी एवं मनोज शर्मा
कई सदियों से कई जन्मो से: संजय पांडे जी
हम दोनों मिल के कागज़ के दिल पे : श्रीमती तुहिना चटर्जी एवं संजय पाण्डेय
जिंदिगी ख्वाब है ख्वाब में सच क्या झूठ क्या : कपिल तिवारी