Tuesday, November 30, 2010

कुछ दूर हमारे साथ चलो ...

कुछ दूर हमारे साथ चलो हम दिल की कहानी कह देंगे
समझे न जिसे तुम आँखों से वो बात ज़बानी कह देंगे

फूलों की तरह जब होंठों पर इक शोख़ तबस्सुम बिखरेगा
धीरे से तुम्हारे कानों में इक बात पुरानी कह देंगे

इज़हार-ए-वफ़ा तुम क्या समझो इक़रार-ए-वफ़ा तुम क्या जानो
हम ज़िक्र करेंगे ग़ैरों का और अपनी कहानी कह देंगे

मौसम तो बड़ा ही ज़ालिम है तूफ़ान उठाता रहता है
कुछ लोग मगर इस हलचल को बदमस्त जवानी कह देंगे

Monday, November 22, 2010

मैं नशे में हूँ !!!

ठुकराओ या अब के प्यार करो मैं नशे में हूँ
जो चाहो मेरे यार करो मैं नशे में हूँ

अब भी दिला रहा हूँ यकीं-ऐ-वफ़ा मगर
मेरा ना एतबार करो मैं नशे में हूँ

गिरने दो तुम मुझे, मेरा साग़र संभाल लो
इतना तो मेरे यार करो मैं नशे में हूँ

मुझको कदम कदम पे भटकने दो वाइज़ों
तुम अपना कारोबार करो मैं नशे में हूँ

फ़िर बेखुदी में हद से गुज़रने लगा हूँ मैं
इतना ना मुझसे प्यार करो मैं नशे में हूँ