बजाज ऑटो ने बुधवार को एलान किया कि वह स्कूटर कारोबार से पूरी तरह बाहर निकलने जा रही है। इसके साथ ही बजाज स्कूटर के जाने-माने मॉडलों पर परदा गिरने की घड़ी आ गई। कंपनी ने तीन साल पहले ही चेतक मॉडल बनाना बंद कर दिया था। कभी यह देश में सबसे ज्यादा बिकने वाला स्कूटर था। बजाज ऑटो के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव बजाज के मुताबिक इस कारोबारी साल के अंत तक कंपनी क्रिस्टल सीरीज के स्कूटर का उत्पादन भी बंद कर देगी। कंपनी के इस मॉडल को कामयाबी नहीं मिल पाई।
1980 के दशक में 'हमारा बजाज' कर्मशियल्स बनाने वाली ऐड एजेंसी लोवे इंडिया के चेयरमैन आर बाल्की कहते हैं, 'कभी घोड़ागाड़ी का वक्त था, अब मोटरसाइकिल का दौर है। आज मोटरसाइकिल मध्यवर्ग की पहचान हैं।' उन्होंने कहा, 'भारत बदल रहा है, बुलंद बदल रहा है और बजाज भी बदल रही है।' हमारा बजाज को 1990 के दशक के आखिर में बड़े बदलाव का सामना करना पड़ा। तब ज्यादा माइलेज को हीरो होंडा ने हथियार बनाया और रातोरात दोपहिया बाजार का पलड़ा मोटरसाइकिल की ओर झुक गया।
इससे करीब 10 साल पहले चेतक की डिलीवरी के लिए लोगों को सालों इंतजार करना पड़ता था। आलम यह था कि राजीव बजाज के पिता और बजाज ऑटो के चेयरमैन राहुल बजाज ने परमिट से ज्यादा स्कूटर बनाने पर सरकार को उन्हें गिरफ्तार करने की चुनौती दी थी। इस लाइसेंस-परमिट राज की वजह से बजाज के स्कूटरों की कालाबाजारी भी होती थी। कुछ लोग स्कूटर की डिलीवरी मिलने पर उसे मुनाफे पर दूसरों को बेच देते थे। तब बजाज की टक्कर एलएमएल से थी। इस कंपनी ने प्रति स्कूटर 500 रुपए बुकिंग चार्ज से करीब 120 करोड़ रुपए जमा किए थे। इनमें से आधे की डिलीवरी कभी नहीं हुई और बाद में मोटरसाइकिल की बिक्री बढ़ने के कुछ ही वक्त बाद कंपनी बंद हो गई।
बजाज परिवार की अगली पीढ़ी ने मोटरसाइकिल पर फोकस किया। हालांकि स्कूटर कारोबार को भी साथ-साथ जारी रखने का फैसला हुआ। 90 के दशक के आखिर में चेतक टू स्ट्रोक इंजन से फोर स्ट्रोक इंजन में बदला। इसमें कई गैजेट्स भी जोड़े गए। इसके बाद चेतक का ऑटोमैटिक वर्जन बाजार में आया।
Source: इकनॉमिक टाइम्स