गुगल (http://www.google.co.in/ ) पर जा कर पेज को भाषा को हिन्दी में बदले आपका पूरा पेज हिन्दी में हो जाएगा लेकिन सर्च बार में "s" लिखते ही आप चौक जायेंगे। उस में सिर्फ "सेक्स" संबंधित शब्द ही आते है।
गुगल ने एक टेक्नोलॉजी प्रयोग करके user के लिए ऑटो सजेस्ट की टेक्नोलॉजी तैयार की है जिससे user एक वर्ड को लिखते ही आपको उस वर्ड से संबंधित शब्द आ जायगे।
मित्रो गुगल के लोगो (Google's Logo) के नीचे भारत लिखा है, भारत की संस्कृति पर हमला नहीं है ? क्या भारत में इतना खुलापन है की "s" लिखते ही सेक्स के शब्द ऑटो सजेस्ट हो ?
14 comments:
सिर्फ s ही नहीं और अक्षर भी टाइप करके देखिए...
वाह भाई, मेहनत करें हम भारतीय, और क्रेडिट दो तुम
गूगल को! आप गूगल के बारे में इतना सब जानते हैं तो
फ़िर यह भी मालूम ही होगा की ऑटोसजेस्ट एक स्वचालित
प्रक्रिया है, इसमें प्रदर्शित शब्द हिन्दी में अब तक के सबसे
अधिक खोजे गए शब्द हैं........... अब अगर
ठरकी
हिन्दी वाले यही सब सर्च करते हैं तो बेचारा
गूगल क्या करे?
गूगल 43 भाषाओं में सर्च की सुविधा देता है, पर वह
चूँकि हिंदुस्तान की अति पावन संस्कृति षडयंत्र के तहत विनष्ट
करना चाहता है, इसीलिए हिन्दी ऑटो सजेस्ट में ऐ से
जेड तक हर अक्षर में अश्लील शब्द जानबूझकर घुसा दिए गए
, हम उसका मरते दम तक विरोध करेंगे!
(और 'एस' क्या सभी अक्षरों में ऐसे ही शब्द ऑटो सजेस्ट
हो रहे हैं, ज़रा ये भी पता लगा लें की हिन्दी के सबसे
लोकप्रिय ब्लॉग (और शायद सबसे लोकप्रिय साईट भी) मस्तराम मुसाफिर
ब्लॉग पर रोज़ कितने हिट्स/कमेंट्स आते हैं)
इस महान संस्कृति की पैदाइश, हम भारतीय अगर सेक्स को खोजते रहेंगे तो यही दिखेगा न... गूगल इसमें क्या करे?
और हम भारतीयों की संस्कृति सेक्स शब्द से ही खत्म हो जाती है, पता नहीं तीस से एक सौ बीस करोड़ कैसे हो गए?
विनीत बाबू दरअसल इसमें गूगल की कोई ग़लती नहीं है। लोग पहले जिन शब्दों से सर्च करते हैं वो उन सबको स्टोर कर लेता है बाद में नए सर्फर को ऑटो सजेस्ट में वो उन्हीं शब्दों को मुहैया करवाता है। ये दो तरफा मामला है। जैसा इनपुट होगा वैसा ही आउटपुट भी मिलेगा। और हां एक काम कीजिएगा निवेदन है कि अपनी टिप्पणियों से मेरे ब्लॉग चौराहा का जो लिंक इनकन्वीनिएंट महोदय ने आपको दिया है उसे हटाने की कृपा करिएगा। ये कोई अश्लील ब्लॉग नही है। वो मेरा एक लेख है जो हिंदी में अश्लील ब्लॉग्स के ऊपर लिखा गया था। उन्होंने उसे कुछ ग़लत संदर्भ में ही पेश कर दिया है।
विनीत भाई,
अपना भारत तो कृष्ण जी की रासलीला और खजुराहो की शिल्पकला और वात्सायन बाबा की चौसठ कलाओं का देश है, फिर गुगल दादा से क्या होना जाना है??
भाई, जब स्कूलों मे यौन शिक्षा की बात हो रही हो तो मेरे ख्याल से आपको भी बिना देर किये अपने पट इन बातों के लिये खोल देने चाहियें।
मित्रो
गूगल भारत इतना समझदार है कि "S" लिखते ही वह समझ गया कि user "सेक्स" समबन्धित शब्द ही ढूंढ़ रहा है ....वाह |
अगर हम हिन्दी भाषी यही तलाशते है तो google.co.in के इग्लिश वर्ज़न में ऑटो सजेस्ट मैं "S" लिखने पर ऑटो सजेस्ट क्यों नहीं आता है? क्या यह हिन्दी भाषियों को बदनाम करने की शजिश तो नहीं ?
विनीत जी, आपका लेख और उस पर की टिप्पणियाँ पढ़ीं। लंबा जवाब था इसलिए अपने चिट्ठे पर लिखा है। अपनी प्रतिक्रिया दीजिएगा।
आलोक जी,
आपका चिट्ठा छान मारा लेकिन गूगल वाली पोस्ट नही दिखाई दी। अगर आप अपने चिट्ठे के बदले पोस्ट का लिंक दे देते तो जरा सुविधा होती।
आपको हुई असुविधा के लिए क्षमा, यह है लेख की कड़ी -
गूगल सुझाव, टेक्नोलॉजी, अश्लीलता, और प्रयोक्ता का अनुभव - सुधारना आपके हाथ में है
आलोक जी, कडी के लिये धन्यवाद। आपके आलेख पर मैने एक छोटी सी छीटाकशी की है, उसका अवलोकन जरूर करें। मुझे लगता है कि हिंदी ब्लागिंग तथा मीडिया से जुडे बंधुओ को इसके लिये गुगल से विरोध जताना चाहिये। विरोध सामुहिक भी हो सकता है और व्यक्तिगत भी।
ye too bevkoofi hai..
ऐसा नहीं है जिसके कम्प्यूटर जो शब्द सर्च पहले से किया जाता है वह ही दिखाता है। मेरे में तो s टाइप करने पर साउथ दिखाता है। उसी प्रकार e टाइप करने पर एजुकेशन, p टाइप करने पर पोर्न के बजाए proxy आता है क्योंकि मैं वह पहले से सर्च कर चुका हूं। अब अगर आप सेक्स सर्च करेंगे तो इसमें गुगल का क्या दोष है।
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