मेरी एक पोस्ट "गुगल करें तो टेक्नोलॉजी और करें अश्लीलता" पर ब्लॉगर मित्रों की अलग-अलग राय थी.
ritu said... सिर्फ s ही नहीं और अक्षर भी टाइप करके देखिए...
June 9, 2008 1:06 PM
June 9, 2008 1:06 PM
ab inconvenienti said... वाह भाई, मेहनत करें हम भारतीय, और क्रेडिट दो तुम गूगल को! आप गूगल के बारे में इतना सब जानते हैं तोफ़िर यह भी मालूम ही होगा की ऑटोसजेस्ट एक स्वचालित प्रक्रिया है, इसमें प्रदर्शित शब्द हिन्दी में अब तक के सबसे अधिक खोजे गए शब्द हैं........... अब अगर ठरकी हिन्दी वाले यही सब सर्च करते हैं तो बेचारा गूगल क्या करे? गूगल 43 भाषाओं में सर्च की सुविधा देता है, पर वह चूँकि हिंदुस्तान की अति पावन संस्कृति षडयंत्र के तहत विनष्ट करना चाहता है, इसीलिए हिन्दी ऑटो सजेस्ट में ऐ से जेड तक हर अक्षर में अश्लील शब्द जानबूझकर घुसा दिए गए , हम उसका मरते दम तक विरोध करेंगे! (और 'एस' क्या सभी अक्षरों में ऐसे ही शब्द ऑटो सजेस्ट हो रहे हैं, ज़रा ये भी पता लगा लें की हिन्दी के सबसे लोकप्रिय ब्लॉग (और शायद सबसे लोकप्रिय साईट भी) मस्तराम मुसाफिर ब्लॉग पर रोज़ कितने हिट्स/कमेंट्स आते हैं)
June 9, 2008 2:28 PM
संजय बेंगाणी said... इस महान संस्कृति की पैदाइश, हम भारतीय अगर सेक्स को खोजते रहेंगे तो यही दिखेगा न... गूगल इसमें क्या करे? और हम भारतीयों की संस्कृति सेक्स शब्द से ही खत्म हो जाती है, पता नहीं तीस से एक सौ बीस करोड़ कैसे हो गए?
June 9, 2008 6:34 PM
चौराहा said... विनीत बाबू दरअसल इसमें गूगल की कोई ग़लती नहीं है। लोग पहले जिन शब्दों से सर्च करते हैं वो उन सबको स्टोर कर लेता है बाद में नए सर्फर को ऑटो सजेस्ट में वो उन्हीं शब्दों को मुहैया करवाता है। ये दो तरफा मामला है। जैसा इनपुट होगा वैसा ही आउटपुट भी मिलेगा। और हां एक काम कीजिएगा निवेदन है कि अपनी टिप्पणियों से मेरे ब्लॉग चौराहा का जो लिंक इनकन्वीनिएंट महोदय ने आपको दिया है उसे हटाने की कृपा करिएगा। ये कोई अश्लील ब्लॉग नही है। वो मेरा एक लेख है जो हिंदी में अश्लील ब्लॉग्स के ऊपर लिखा गया था। उन्होंने उसे कुछ ग़लत संदर्भ में ही पेश कर दिया है।
June 9, 2008 8:12 PM
June 9, 2008 8:12 PM
akumarjain said... विनीत भाई,अपना भारत तो कृष्ण जी की रासलीला और खजुराहो की शिल्पकला और वात्सायन बाबा की चौसठ कलाओं का देश है, फिर गुगल दादा से क्या होना जाना है??
भाई, जब स्कूलों मे यौन शिक्षा की बात हो रही हो तो मेरे ख्याल से आपको भी बिना देर किये अपने पट इन बातों के लिये खोल देने चाहियें।
June 9, 2008 11:02 PM
विनीत खरे said... मित्रो गूगल भारत इतना समझदार है कि "S" लिखते ही वह समझ गया कि user "सेक्स" समबन्धित शब्द ही ढूंढ़ रहा है ....वाह
June 9, 2008 11:44 PM
विनीत खरे said... अगर हम हिन्दी भाषी यही तलाशते है तो google.co.in के इग्लिश वर्ज़न में ऑटो सजेस्ट मैं "S" लिखने पर ऑटो सजेस्ट क्यों नहीं आता है? क्या यह हिन्दी भाषियों को बदनाम करने की शजिश तो नहीं ?
June 10, 2008 5:57 PM
आलोक said... विनीत जी, आपका लेख और उस पर की टिप्पणियाँ पढ़ीं। लंबा जवाब था इसलिए अपने चिट्ठे पर लिखा है। अपनी प्रतिक्रिया दीजिएगा।
June 10, 2008 11:55 PM
akumarjain said... आलोक जी,
आपका चिट्ठा छान मारा लेकिन गूगल वाली पोस्ट नही दिखाई दी। अगर आप अपने चिट्ठे के बदले पोस्ट का लिंक दे देते तो जरा सुविधा होती।
June 11, 2008 12:06 AM
आलोक said... आपको हुई असुविधा के लिए क्षमा, यह है लेख की कड़ी -
गूगल सुझाव, टेक्नोलॉजी, अश्लीलता, और प्रयोक्ता का अनुभव - सुधारना आपके हाथ में है
June 12, 2008 6:24 PM
akumarjain said... आलोक जी, कडी के लिये धन्यवाद। आपके आलेख पर मैने एक छोटी सी छीटाकशी की है, उसका अवलोकन जरूर करें। मुझे लगता है कि हिंदी ब्लागिंग तथा मीडिया से जुडे बंधुओ को इसके लिये गुगल से विरोध जताना चाहिये। विरोध सामुहिक भी हो सकता है और व्यक्तिगत भी।
June 13, 2008 9:54 AM
3 comments:
लगता है हम भारतीय सुधर गए हैं :) या फिर सुधार थोपा गया है. जो भी हो, स्वागत योग्य है.
खोज में "स्थिति या स्थित" भी होना, हज़म नहीं होता. मगर है जरूर.
हद हो गई-s से समीर लाल सबसे पहले आना चाहिये था. आज ही गुगल से बात करता हूँ वरना अपना ब्लॉग बिग अड्डा पर ले जाऊँगा.आभार आपने मेरा ध्यान इस ओर दिलवाया. इअसे ही बताते रहा करिये, अकेले क्या क्या देखूँ. :)
बधाई हो, गूगल बाबा को अक्ल देने के लिये।
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