Friday, April 11, 2008

17 बातें जो ऑफिस में आएं काम

हर कोई शिष्ट या अशिष्ट होता है। हम सभी रोजमर्रा के जीवन में जो व्यवहार करते हैं, वह शिष्टाचार के तहत आता है। शिष्टाचार या अच्छा व्यवहार हर स्थिति में खुद को नियंत्रित रखने का नाम है। जानें कि ऑफिस या कार्यस्थल पर आपका व्यवहार कैसा हो।

1. सहकर्मियों से हाथ मिलाने, उन्हें शुभकामना देने, किसी नए व्यक्ति के आने पर उसका परिचय अन्य लोगों से कराने और उसे कार्य संबंधी जरूरी बातें बताने जैसी बातें शिष्टाचार के तहत आती हैं।

2. फोन करते समय जोर से बोलना, च्यूइंगम या कोई खाद्य पदार्थ मुंह में डालकर बात करना, अभद्र या असम्मानजनक भाषा का प्रयोग करना, सेल फोन का वॉल्यूम बढाए रखना, तेज आवाज में म्यूजिक सुनना बुरे व्यवहार के तहत आता है। ऑफिस में दूसरों की सुविधा के लिए इन बातों का ध्यान रखें।

3. यदि वरिष्ठ पद पर या बॉस की भूमिका में हों तो सेक्रेटरी, कनिष्ठ या सहकर्मियों के साथ सम्मानजनक ढंग से बात करना न भूलें।

4. यदि आप किसी ऐसे संस्थान में हैं, जहां रोज कस्टमर या क्लाइंट से मिलना-जुलना पडता हो तो जरूरी है कि विपरीत स्थिति में भी सहज और स्वाभाविक सकारात्मक मुसकान के साथ बातचीत करें।

5. यदि किसी महत्वपूर्ण विषय पर बैठक होने जा रही है तो सभी को उसकी तैयारी के लिए पर्याप्त समय दें। उन्हें शेडयूल और बैठक का विषय अवश्य बताएं, ताकि वे मानसिक तौर पर तैयार होकर आएं।

6. मिनट्स का विभाजन, बैठक का सार और हर भागीदार को धन्यवाद ज्ञापन जैसी छोटी-छोटी बातों को न भूलें।

7. कभी किसी को ज्यादा देर के लिए प्रतीक्षारत न रखें। यदि आप आवश्यक विचार-विमर्श में व्यस्त हैं और किसी का अपॉइंटमेंट निर्धारित है तो उसे अवश्य इसकी सूचना दे दें। अपरिहार्य कारणोंवश ऐसा संभव न हो सके तो मिलने पर अवश्य उदारतापूर्वक उसे प्रतीक्षा के लिए धन्यवाद दें और अपनी विवशता बताएं।

8. ऑफिस में आपके परिधान भी शिष्टाचार को दर्शाते हैं। कार्य के अनुरूप ऐसी ड्रेस पहनें, जो शालीन हो न कि भडकाऊ किस्म की। गहरे मेकअप से बचें। वर्किग वूमेन हैं तो जरूरी है कि आपके व्यक्तित्व या बॉडी लैंग्वेज से दूसरों को गलत संदेश न जाए।

9. वरिष्ठ पद पर या बॉस की भूमिका में हैं तो लोगों को जानने दें कि आप उनके किन कार्यो की सराहना करते हैं। प्रशंसा करने में कंजूसी न करें। सराहना के कुछ शब्द किसी को प्रोत्साहित करने और आपके प्रति अच्छा महसूस करने को बढावा देंगे।

10. ऑफिस में जोर से न बोलें। ध्यान रखें कि आपकी बातचीत से दूसरों का ध्यान भंग न हो हो। सहकर्मियों-कनिष्ठों पर कोई ऐसा कमेंट न करें, जिससे वे आहत हों।

11. अपने निजी फोन, ईमेल्स का इस्तेमाल अवश्य करें, लेकिन उतना ही, जितना आवश्यक हो। हमेशा निजी फोन पर व्यस्त रहना न सिर्फ शिष्टाचार के नियमों के खिलाफ है बल्कि इससे कार्यक्षमता भी घटती है।

12. दफ्तर में अनावश्यक गपशप को कभी बढावा न दें। बेहतर हो कि खाली समय का सदुपयोग खुद को अपडेट करने के लिए करें। कभी-कभार कार्य की गंभीरता के बीच में हलकी-फुलकी बातचीत में कोई बुराई नहीं है, लेकिन ऐसा न हो कि दफ्तर कार्यस्थल न रहकर चौपाल या फिर पंचायत स्थल का रूप लेने लगे।

13. क्या आप परफ्यूम्स या डियो इस्तेमाल करते हैं? अगर हां, तो ऑफिस में शिष्टाचार का सिद्धांत कहता है कि अपने महंगे खुशबूदार इत्र को सामाजिक आयोजनों के लिए रखें। दफ्तर में तेज गंध वाले कॉस्मेटिक्स का इस्तेमाल करने से यथासंभव बचें। हो सकता है इससे दूसरों को परेशानी या एलर्जी होती हो। साथ ही इससे दूसरों का ध्यान भी बंटता है।

14. बिखरी हुई फाइल्स आपके अव्यवस्थित होने के बारे में बहुत कुछ कह देती हैं। इधर-उधर पडे कागज, खाने-पीने का सामान, चाय के कप या फिर कोल्ड ड्रिंक्स की बोतलें डस्टबिन में फेंकने की आदत डालें। आखिर आप अपने घर में भी स्वच्छता का ध्यान रखते हैं तो फिर कार्यस्थल में ऐसा क्यों नहीं कर पाते!

15. ऑफिस में एक अन्य बात जिस पर ध्यान देना जरूरी है, वह है रेस्ट रूम की सफाई। वॉश रूम का प्रयोग करते समय यह ध्यान रखें कि आपकी वजह से किसी अन्य को परेशानी न हो। नल खुला छोड देने, कचरा डस्टबिन में न डालने और पानी फैलाने की आदतों से बाज आएं।

१६. यदि दफ्तर में आपको किचेन की सुविधा प्राप्त है तो स्वच्छता का पूरा ध्यान रखें। फ्रिज से खाना निकालते हुए, अवन में खाना गर्म करते हुए या गैस पर चाय बनाते हुए इस बात का खयाल रखें कि यह कई लोगों के इस्तेमाल के लिए है।

17. दूसरों के फैक्स, ईमेल्स, कम्यूटर स्क्रीन या मेल्स बगैर उनकी इजाजत के कभी भी न देखें या पढें।

आभार: जागरण

5 comments:

PD said...

और दफ्तर में ब्लौग पढना?? इसके बारे में आपने लिखा ही नहीं.. :D

rakhshanda said...

pahli baar pdha.bahot achha laga.

कुश said...

dhanyawad swikar kare.. kaafi kaam ki baatein batayi hai aapne..

ALOK PURANIK said...

छोटी छोटी बड़ी बड़ी बातें हैं।

अभिनव said...

बढ़िया