मित्रो,
मुझे यह लगता है की हिन्दी ब्लोगस पर बढ़ते अश्लीलता अब सोचनीय विषय बन चुका है वह भी ब्लॉगर का समूह जहाँ सब ही अपनी बात को दावेदारी से रखते है लेकिन इस दावेदारी मे यह भूल जाते है की वह जिस हिन्दी के शब्दों का प्रयोग कर रहे है वह सर्वमान है की नहीं
बीते दिनों मे जिस तरह ब्लॉगरस ने अपनी लड़ाई लड़ी है, उसमे सिर्फ़ और सिर्फ़ हिन्दी का नुकसान हुआ है मुझे यह लगता है की ब्लॉगस के दिग्गजों को यह समझना चाहिए की जिन शब्दों का प्रयोग वह करते है उससे आपकी पहचान बनती है और मुझे यह भी लगता है की ब्लॉगर शायद अपनी कुछ सस्ती लोकप्रियता तो हासील करते होगे लेकिन बहुत बड़ा तबका शायद दुबारा उनके उदगार सुनना पसन्द न करे
7 comments:
बात तो खरी है आपकी
एकदम सोलह आने मस्त
बिल्कुल मस्ट.
स्वागत है हिन्दी चिट्ठाजगत में।
bhaya chuna kitna lagoge?
शुभकामनाओं के साथ स्वागत है हिंदी ब्लॉगजगत में।
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विनीत जी, ब्लाग की दुनिया में आपका स्वागत है। आपने अपने पोस्ट में जो बात कही है, वह खरी है, ब्लागरों को इस तरफ अवश्य ध्यान देना चाहिए।
विनीत भाई, शुरूआत बढिया है! शुभकामनाऍ स्वीकार करें।
ये तो नाम से जाहिर है । खरे हो तो खरे ही रहोगे और खरी बात ही कहोगे । बधाई स्वीकारें ।
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