Wednesday, August 12, 2009

नसीब आजमाने के दिन ... (फ़िल्म: मुहाफिज़/In Custody)

नसीब आजमाने के दिन आ रहे हैं
करीब उनके आने के दिन आ रहे हैं

जो दिल से कहा है जो दिल ने सुना हैं
सब उनको सुनाने के दिन आ रहे हैं

अभी से दिल-ओ-जान सार-ए-राह रख करो
के लुटाने लुटाने के दिन आ रहे हैं

टपकने लगी उनके निगाहों से मस्ती
निगाहें चुराने के दिन आ रहे हैं

सबा फिर हमें पूछती रही है
चमन को सजाने कश्मीर दिन आ रहे हैं

फ़िल्म: मुहाफिज़/In Custody (1993)
गायक: शंकर महादेवन
संगीतकार: उस्ताद जाकिर हुसैन और उस्ताद सुलतान खान

अगर आप किसी के पास यह ग़ज़ल हो तो कृपया मुझे भेज दे

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2 comments:

गिरिजेश राव, Girijesh Rao said...

मेरे पास है। कैसेट में। यह तो सुलभता से उपलब्ध है।

ई मेल से एम पी 3 भेजना कॉपीराइट उल्लंघन होगा।

परमजीत सिहँ बाली said...

चलो...इसी बहाने एक अच्छी गज़ल पढने को मिल गई...आभार।