ठुकराओ या अब के प्यार करो मैं नशे में हूँ
जो चाहो मेरे यार करो मैं नशे में हूँ
अब भी दिला रहा हूँ यकीं-ऐ-वफ़ा मगर
मेरा ना एतबार करो मैं नशे में हूँ
गिरने दो तुम मुझे, मेरा साग़र संभाल लो
इतना तो मेरे यार करो मैं नशे में हूँ
मुझको कदम कदम पे भटकने दो वाइज़ों
तुम अपना कारोबार करो मैं नशे में हूँ
फ़िर बेखुदी में हद से गुज़रने लगा हूँ मैं
इतना ना मुझसे प्यार करो मैं नशे में हूँ
3 comments:
Main bhi try karta hun Sham ko
ek achchhi gazal pratuti ke liye dhanyvad!
ठुकराओ या अब के प्यार करो मैं नशे में हूँ
जो चाहो मेरे यार करो मैं नशे में हूँ
अब भी दिला रहा हूँ यकीं-ऐ-वफ़ा मगर
मेरा ना एतबार करो मैं नशे में हूँ
सुंदर गजल ............
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